चुनावी बॉन्ड... फ्यूचर गेमिंग ने 1368 करोड़ तो मेघा इंजीनियरिंग ने दिए 966 करोड़...


 

15 मार्च 2024 चुनाव आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया चुनावी बॉन्ड का पूरा डेटा गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. स्क्चढ्ढ ने 2018 में शुरू हुई योजना के बाद से अब तक 30 किश्तों में 16,518 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक की है. एसबीआई के हलफनामे में बताया गया है कि 1 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 के बीच 22,217 बॉन्ड खरीदे गए हैं, जो कि इस तीन मूल्यवर्ग यानी ?1 लाख, ?10 लाख और ?1 करोड़ के हैं. इस अवधि के दौरान भुनाए गए बॉन्ड्स की कुल संख्या 22,030 है.

चुनाव आयोग ने दो अलग-अलग डिटेल को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है. पहली पीडीएफ में 337 पेज हैं, जिसमें चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और संस्थाओं के नाम, खरीद की तारीख और पैसे की जानकारी शामिल है. वहीं, दूसरी पीडीएफ में 426 पेज हैं, जिसमें राजनीतिक दलों के नाम, तारीख और राशि की डिटेल दी गई है. हालांकि इससे यह स्पष्ट नहीं है कि किस कंपनी या संस्थान ने कौन-सा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है, क्योंकि उपलब्ध कराई गई जानकारी में बॉन्ड संख्या शामिल का विवरण नहीं दिया गया है. साथ ही यह भी नहीं बताया गया है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को फंड दिया है.

अब बात करते हैं उन टॉप कंपनियों की, जिन्होंने देश की अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों को फंड देने के लिए सबसे ज्यादा कीमत के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों के मुताबिक फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज और मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 तक इस लिस्ट में टॉप पर हैं. 1,368 करोड़ रुपये के साथ फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज सबसे ज्यादा फंड देने वाली कंपनी है. वहीं 966 करोड़ रुपये के फंड के साथ मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है.

‘लॉटरी किंग’ की है फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज

कथित तौर पर फ्यूचर गेमिंग के मालिक दक्षिण भारत के लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन हैं. फ्यूचर की वेबसाइट के मुताबिक, मार्टिन ने 13 साल की उम्र में लॉटरी व्यवसाय शुरू किया था. इसके बाद से वो पूरे देश में लॉटरी के खरीदारों और विक्रेताओं के एक विशाल नेटवर्क को विकसित करने में कामयाब रहे. दक्षिण में यह फर्म मार्टिन कर्नाटक के तहत चलती है, जबकि उत्तर-पूर्व में इसे मार्टिन सिक्किम लॉटरी के नाम से जाना जाता है. वहीं, बांध और बिजली प्रोजेक्ट्स बनाने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का स्वामित्व पीवी कृष्णा रेड्डी और पीपी रेड्डी के पास है. इसका मुख्यालय हैदराबाद में है. कंपनी के वेबसाइट के मुताबिक ये सिंचाई, जल प्रबंधन, बिजली, हाइड्रोकार्बन, परिवहन, भवन और औद्योगिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में काम करती है. यह केंद्र और राज्य सरकारों के साथ पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) में अग्रणी रही है और वर्तमान में देश भर के 18 से अधिक राज्यों में प्रोजेक्ट्स चला रही है.

Post a Comment

0 Comments