रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन नए विधानसभा परिसर में ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ अभियान का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य नवा रायपुर को पीपल सिटी के रूप में विकसित करना है, जहां हर जगह पीपल का पेड़ देखने को मिलेगा। आवास और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि आने वाले दिनों में नवा रायपुर में कहीं भी जाएं पीपल का पेड़ जरूर नजर आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरित होकर नवा रायपुर में एक लाख से अधिक स्थानीय प्रजाति के बड़े पेड़ लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में 20,000 से अधिक पीपल के वृक्ष रोपे जा चुके हैं।
स्मार्ट सिटी के तहत कई परियोजनाओं का लोकार्पण
अमित शाह ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत 204.84 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। नवा रायपुर में 75 करोड़ रुपये में रेलवे स्टेशन पूरा हो चुका है जो शहर की कनेक्टिविटी को सुधारने में मदद करेगा।
सौ साल तक देता है ऑक्सीजन
श्रीमद भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने पीपल को ‘वृक्षों में मैं पीपल हूं’ के रूप में मान्यता दी है और यह 100 वर्षों से अधिक साल तक ऑक्सीजन प्रदान करता है। एक पीपल का पेड़ एक साल में 100 किग्रा आक्सीजन देता है। बताया गया है कि एप के माध्यम से वर्चुअल एडॉप्शन की सुविधा दी गई है, जिसमें 2000 से अधिक लोग शामिल हो चुके हैं।
स्मार्ट सड़कें और पार्किंग
35.25 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 5.3 किलोमीटर स्मार्ट सड़कें बनाई गई हैं और 23.12 करोड़ की लागत से 100 बस, 148 कार, टैक्सी और 250 दोपहिया वाहनों की पार्किंग की सुविधाएं विकसित की गई हैं।
विश्वस्तरीय स्मार्ट स्कूल तैयार
राखी में 18 करोड़ की लागत से हायर सेकंडरी स्मार्ट स्कूल बनाया गया है। जो 1200 से अधिक बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करेगा। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए 11 करोड़ की लागत से एक और स्कूल तैयार किया गया है, जिसमें 950 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
सभी 33 जिलों में ‘पैक्स‘ शुरू इथेनाल बनाने में करेंगे मदद
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को सहकारिता के विस्तार की समीक्षा की। उन्होंने सभी 33 जिलों में पानी समिति के रूप में प्राथमिक कृषि साख समिति की शुरूआत की। शाह ने प्रदेश में इथेनाल के उत्पादन में मदद करने का भरोस भी दिलाया है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहकार से समृद्धि के स्वप्न को साकार करने के लिए देश की हर पंचायत में एक सहकारी समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को संपूर्ण जनजातीय विकास के लिए एक नयी पब्लिक डेयरी योजना बनानी चाहिए, जो पैक्स, डेयरी और मात्स्यिकी सहकारी संस्था का काम करेगी।
शाह ने कहा कि राज्य की सभी 2058 ‘पैक्स‘ ने मॉडल बाय-लॉज़ को अपना लिया है। राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का उपयोग छत्तीसगढ़ में ड्राई एरिया ढूंढने के लिए करना चाहिए। इससे सहकारिता के विस्तार में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 4 सहकारी चीनी मिलें हैं। इनमें से सिर्फ एक में इथेनॉल प्लांट है। बाकी 3 मिलों में 6 महीने के अंदर मल्टी-फीड इथेनॉल उत्पादन प्लांट लगाए जाए। इससे मक्का, गन्ना आदि से इथेनॉल उत्पादन किया जा सके। वर्तमान में 33 जिलों में 6 ज़िला सहकारी केन्द्रीय बैंक हैं। कम से कम 4 और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की स्थापना होनी चाहिए।
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