नई दिल्ली। 'आप लोग इतने गंभीर हैं कि मुझे लगता है कि यह समारोह भी बड़ा गंभीर है.. ' दिल्ली में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में यह लाइनें कहीं, तो मंच पर मौजूद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी मुस्कुरा दिए. पीएम मोदी ने दरअसल, न्यायपालिका के बेहद गंभीर काम को देखते हुए यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि देशवासियों में न्यायपालिका का इतना सम्मान है कि कभी उस पर अविश्वास नहीं किया गया।
पीएम मोदी ने कहा, 'भारत के लोगों ने कभी सुप्रीम कोर्ट, न्यायपालिका पर अविश्वास नहीं किया. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के ये 75 साल मदर ऑफ डेमॉक्रसी के रूप में भारत के गौरव को और अधिक बढ़ाते हैं. सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष... ये केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है. ये यात्रा है- भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की. ये यात्रा है- एक लोकतंत्र के रूप में भारत के और परिपक्व होने की.' 'सत्यमेव जयते-नानृतम्'।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'न्याय में देरी को खत्म करने के लिए बीते एक दशक में कई स्तर पर काम हुए हैं. पिछले 10 वर्षों में देश ने न्यायिक बुनियादी ढांचा के विकास के लिए लगभग 8 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं. पिछले 25 साल में जितनी राशि न्यायिक बुनियादी ढांचा पर खर्च की गई, उसका 75 प्रतिशत पिछले 10 वर्षों में ही हुआ है. आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा, समाज की गंभीर चिंता है. देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बने हैं, लेकिन हमें इसे और सक्रिय करने की जरूरत है. महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले आएंगे, आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही बड़ा भरोसा मिलेगा."
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