पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आर जी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर विपक्षी दल ममता सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वहीं अब विपक्षी दलों ने सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया है। पीड़िता का शव मिलने के तुरंत बाद घटनास्थल पर कई लोगों की भीड़ का एक कथित वीडियो सामने आया है। वीडियो में तत्कालीन आरजी कर प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष, उनके वकील शांतनु डे, पुलिस और अस्पताल सुरक्षा कर्मचारी सेमिनार हॉल में दिखाई दे रहे हैं, जहां अपराध हुआ था।
जानें वीडियो में कौन-कौन आ रहा नजर
वीडियो में स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड में तैनात फोरेंसिक मेडिसिन के एक प्रदर्शनकारी देबाशीष सोम, नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डेटा एंट्री अधिकारी प्रसून चट्टोपाध्याय भी दिखाई दे रहे हैं। भाजपा के राज्य महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने वीडियो को लेकर कहा, “वीडियो में स्पष्ट रूप से अपराध स्थल पर इतने सारे लोग घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं। पुलिस ने उन्हें सेमिनार हॉल के अंदर क्यों जाने दिया, जहां बलात्कार और हत्या हुई थी? यह स्पष्ट है कि सबूत नष्ट कर दिए गए।”
बीजेपी ने टीएमसी पर साधा निशाना
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “वीडियो में हम अपराध स्थल को एक मेले में तब्दील होते हुए देख सकते हैं। पुलिस की मौजूदगी में सभी घूम रहे हैं। क्या किसी ने ऐसा अपराध स्थल देखा है?” वहीं सीपीआई (एम) केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा, “अदालत पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं थी। हमने पहले भी कहा था कि प्रशासन और पुलिस की ओर से सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश की गई थी। वीडियो में सेमिनार हॉल के अंदर तत्कालीन प्रिंसिपल और उनके साथी, जूनियर डॉक्टर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दिखाई दे रहे हैं। वे वहां क्या कर रहे थे? इससे साफ पता चलता है कि सबूतों से समझौता किया गया। वीडियो में मौजूद लोगों की पहचान कर उनसे पूछताछ की जानी चाहिए. तभी सच्चाई सामने आएगी।”
वहीं इन दावों को खारिज करते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी ने कहा, “लोग सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिसमें सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है क्योंकि कुछ लोग सेमिनार हॉल के अंदर खड़े हैं। वे दावा कर रहे हैं कि घटनास्थल की घेराबंदी नहीं की गई थी। सेमिनार हॉल के जिस हिस्से में शव मिला, उसे तुरंत पर्दों से सील कर दिया गया। पीड़ित परिवार के अलावा किसी को भी उस स्थान से 40 फीट दूर जाने की अनुमति नहीं थी, जहां शव मिला था।”
संदीप घोष के वकील शांतनु डे ने पूरे मामले पर मीडियाकर्मियों को बताया, “वीडियो उस क्षेत्र के बाहर के हिस्से का है, जिसे सील कर दिया गया था। इसकी लंबाई-चौड़ाई करीब 10 फीट है। वहां आरजी कर के डॉक्टर समेत कुछ लोग मौजूद थे। लेकिन किसी को भी सील किए गए क्षेत्र के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। मैं उस दिन आर्थोपेडिक्स के ओपीडी का दौरा करने के लिए आरजी कर गया था। मैं सेमिनार हॉल के बाहर खड़ा था। मैं संस्थान की शिकायत समिति का भी सदस्य हूं।”
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