ये है मामला
याचिकाकर्ताओं ने केंद्र द्वारा जारी 17 फरवरी, 2020 के कार्यालय विज्ञापन को रद्द करने की मांग की गई थी। इसमें 01 जनवरी, 2004 की अधिसूचनाओं/विज्ञापनों के अनुसार नियुक्त किए गए कार्मिकों को OPS का लाभ नहीं दिया गया है। याचिकाकर्ताओं में सीआरपीएफ, सशस्त्र सीमा बल, सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस आदि के कार्मिक शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट दिया ये आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने पवन कुमार मामले में यह माना गया कि अर्धसैनिक बल केंद्र सरकार के अधीन सशस्त्र बल हैं और उन पर पुरानी पेंशन योजना लागू है। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनाैती दी थी। कोर्ट में संक्षिप्त सुनवाई में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि प्रतिवादी देश के रक्षा बलों के साथ समानता की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2023 में हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई थी जिसकी अब पुष्टि की गई।
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