कीव। पहले हाथ मिलाया, और फिर गले लगा लिया... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को गले लगाकर भारतीय संस्कृति का परिचय दिया. लेकिन शायद कुछ लोगों को ये अच्छा नहीं लगा. ऐसे में जब एक रिपोर्टर ने पीएम मोदी के जेलेंस्की को गले लगाने से जुड़ा सवाल पूछा, तो विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन्हें भारतीय संस्कृति का पाठ पढ़ा दिया. जयशंकर ने कहा कि गले लगाना सदियों से हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है. हम अपने से इसी तरह मिलते हैं.
पहले हाथ मिलाया, फिर गले लगाया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यहां यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान पहले उनसे हाथ मिलाया और फिर तुरंत उन्हें गर्मजोशी से गले लगा लिया. इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि गले लगाना हमारी संस्कृति का हिस्सा है. युद्धग्रस्त देश के शीर्ष नेता को गले लगाने के बमुश्किल छह सप्ताह पहले मोदी ने यूक्रेन के कट्टर दुश्मन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इसी तरह गले लगाया था.
गले मिलना भारतीय संस्कृति
मोदी-जेलेंस्की वार्ता के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर से ‘गले मिलने' के बारे में सवाल पूछा गया था. इस सवाल का उद्देश्य पहले पुतिन और अब जेलेंस्की के साथ मोदी की मुलाकात के बीच संबंधों पर प्रतिक्रिया मांगना था. जयशंकर ने एक पश्चिमी पत्रकार के एक विशिष्ट प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, "दुनिया के हमारे हिस्से में जब लोग मिलते हैं, तो वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं, यह आपकी संस्कृति का हिस्सा नहीं हो सकता है, लेकिन मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है. वास्तव में आज, मुझे लगता है, मैंने देखा, प्रधानमंत्री (मोदी) ने भी राष्ट्रपति जेलेंस्की को गले लगाया."
पत्रकार ने अपने सवाल में कहा था कि कुछ सप्ताह पहले मोदी द्वारा पुतिन को गले लगाने के बारे में इसी तरह उल्लेख किया गया था. जयशंकर ने कहा, "मैंने उन्हें कई अन्य स्थानों पर कई अन्य- नेताओं के साथ ऐसा करते देखा है. इसलिए, मुझे लगता है, इन शिष्टाचारों के अर्थ के संदर्भ में हमारे यहां थोड़ा-सा सांस्कृतिक अंतर है."
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