नई दिल्ली. देश में अब टोल प्लाजा पर टोल शुल्क वसूलने के तरीके में आमूल-चूल परिवर्तन होने वाला है .इसके लिए टोल प्लाजा पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान कैमरे यानी एएनपीआर कैमरे लगाए जाएंगे. इनकी मदद से फास्टैग की बजाय वाहन की नंबर प्लेट से टोल टैक्स कटेगा. हरियाणा के हिसार और रोहतक जिले के एक-एक टोल पर नया सिस्टम लगाने का काम शुरू भी हो गया है. करीब दो महीने बाद इन दोनों ही टोल नाकों पर वाहन की नंबर प्लेट से टोल टैक्स कटना शुरू हो जाएगा. इसका एक फायदा यह भी होगा कि वाहन पर अगर फर्जी नंबर प्लेट लगी होगी तो वो भी पकड़ में आ जाएगा.
इन दो टोल प्लाजा पर ट्रायल सफल होने के बाद पहले हरियाणा और फिर देश के अन्य राज्यों में इसे लागू किया जाएगा. टोल कंपनियों का मानना है कि इससे टोल नाकों पर फर्जीवाड़ा रुकेगा. नया सिस्टम लागू होने पर वाहन की नंबर प्लेट को फास्टैग से लिंक किए गए बैंक अकाउंट से भी जोड़ा जाएगा ताकि वाहन के टोल पर पहुंचते ही नंबर प्लेट को कैमरे पहचानकर टोल टैक्स काट ले.
यह है एएनपीआर सिस्टम
हिसार के रामायण टोल प्लाजा और रोहतक टोल पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिगनीशन बेस स्कैनिंग कैमरे व नए कम्प्यूटर सिस्टम इंस्टाल किए जा रहे हैं. ये कैमरे नंबर प्लेट को पहचानते हैं और उन्हें डिजिटल बना देते हैं. कैमरों की खास बात यह है कि ये कैमरे बहुत शक्तिशाली होंगे और तुरंत ही प्लेट स्कैन कर लेंगे.
स्क्रीन पर गाड़ी का नंबर-मॉडल भी दिखेगा
टोल के पास गाड़ी आते ही लालबत्ती होगी. आपरेटर द्वारा ग्रीन बत्ती न किए जाने तक वाहन वहीं खड़ा रहेगा. साथ में स्क्रीन पर टोल देने के लिए रुके वाहन का नंबर और वाहन का माडल भी लिखा आएगा. अगर वाहन चालक का फास्टैग काम नहीं कर होगा तो नंबर प्लेट स्कैन होते ही बेंक के सर्वर से टोल कंपनी के पास मैसेज आएगा. साथ ही यह भी बता देगा कि यह फास्टैग ऑरिजनल है या नहीं है.
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