शिमला. हिमाचल प्रदेश में शिमला मस्जिद विवाद के बाद अब स्ट्रीट वैंडर पॉलिसी को लेकर घमासान शुरू हो गया है. मंत्री विक्रमादित्य सिंह की ओर से शहरी विकास मंत्रालय की मीटिंग में अहम आदेश दिए गए और कहा गया है कि सूबे में अब रेहड़ी फहड़ी, ढाबे और होटल मालिकों को बाहर आईडी लगानी होगी. इस मामले पर अब जमकर घमासान हो रहा है. इस बीच कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट को एडिट कर दिया है. ऐसे में अब सियासी घमासान के बीच हिमाचल में योगी मॉडल लागू होने पर संशय बन गया है.
कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने योगी मॉडल को हिमाचल में लागू करने से की खबरों पर सियासी विवाद होने पर अपनी पोस्ट को संशोधित कर दिया. इस पोस्ट में अब विक्रमादित्य सिंह ने योगी की फोटो वाली तस्वीर को हटा दिया है और एक न्यूज एंजेसी को दिए हुए अपने बयान को तस्वीर से रिप्लेश किया है. पूरे मामले के बाद अब विक्रमादित्य सिंह दिल्ली गए हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे है कि क्या उन्हें इस मामले में तलब किया है. हालांकि, इस बारे में कोई बयान कांग्रेस या विक्रमादित्य सिंह की तरफ से नहीं आया है. लेकिन अब घमासान मचा हुआ है.
अधिकारियों के साथ की थी मीटिंग
गौतरलब है कि मंगलवार को शिमला में शहर विकास मंत्रालय के साथ विक्रमादित्य सिंह ने मीटिंग की थी. इस मीटिंग में तहबाजारी को लेकर अहम फैसले हुए. इसी में एक फैसला था कि सभी ढाबा, होटल, रहड़ी फहड़ी वाले अपनी आईडी लगाएंगे. इस पर शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली की. इस पोस्ट में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के साथ लगी खबर थी.
विक्रमादित्य सिंह ने पोस्ट के साथ लिखा था कि हिमाचल में भी हर भोजनालय और फास्टफूड, रेहड़ी पर ओनर की आईडी लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरीक़े की परेशानी न हो. इसके लिए पिछले कल ही शहरी विकास विभाग और नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
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