बोर्ड परीक्षा की कॉपियों में छात्रों की गुहार: "सर, प्लीज पास कर दीजिएगा, मैंने सालभर पढ़ाई नहीं की"

रायपुर। प्रदेश में कक्षा 5वीं से 8वीं तक की बोर्ड परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन सोमवार से शुरू हो गया है। मूल्यांकन के पहले ही दिन शिक्षकों को ऐसी कॉपियाँ मिलीं, जिनमें छात्रों ने सवालों के जवाब देने की बजाय सीधे "सर, प्लीज मुझे पास कर दीजिए" जैसी भावनात्मक अपीलें लिख दी हैं।

शिक्षकों ने बताया कि यह कोई कक्षा में चल रही मज़ाकिया बातचीत नहीं, बल्कि छात्रों द्वारा बोर्ड परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं में लिखी गईं वास्तविक लाइनें हैं। कई जगह छात्रों ने लिखा – “मैंने पढ़ाई नहीं की है, लेकिन आप दया करके पास कर दीजिए।” इन उत्तरों को पढ़कर मूल्यांकनकर्ता खुद को मुस्कराने से रोक नहीं पाए।

गणित में मुश्किल से कुछ ही छात्र पास

मूल्यांकनकर्ताओं के अनुसार, गणित विषय में स्थिति सबसे कमजोर रही। अधिकतर छात्रों ने केवल ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के ही उत्तर दिए, जबकि लंबे उत्तर वाले प्रश्नों में उत्तर अधूरे या पूरी तरह खाली छोड़ दिए गए। कुछ ही छात्र ऐसे थे जिन्होंने पास होने योग्य अंक अर्जित किए।

अंग्रेजी विषय की कॉपियों में एक नया ट्रेंड सामने आया। कई छात्रों ने हिंदी उत्तरों को अंग्रेजी के अक्षरों में लिखने की कोशिश की, जैसे व्हाट्सएप चैट में किया जाता है। मूल्यांकनकर्ताओं ने बताया कि एक छात्र ने "मैं स्कूल रोज जाता हूं" को लिखा – "Main school roz jata hu". यह ट्रेंड कॉपी में कई बार दोहराया गया।

कुछ उत्तरपुस्तिकाओं में बच्चों ने रटकर लिखने की बजाय अपनी सोच से उत्तर देने की कोशिश की। मूल्यांकनकर्ताओं ने इसे सकारात्मक संकेत माना। उन्होंने कहा – "जो बात हम क्लास में कहते हैं कि अपने शब्दों में उत्तर दो, वही बात कुछ बच्चों ने कॉपी में सच में कर दिखाया।"


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