ऊर्जा भविष्य पर मंथन: बृजमोहन अग्रवाल बोले—छत्तीसगढ़ को ग्रीन एनर्जी में मिले विशेष बढ़त




रायपुर 30 दिसंबर। सोमवार को चेन्नई में एस्टीमेट कमेटी की बैठक में रायपुर सांसद एवं कमेटी के वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने देशभर में ऊर्जा से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की और छत्तीसगढ़ को विशेष प्राथमिकता देते हुए ठोस सुझाव रखे। 

बैठक में समिति सदस्यों के साथ ही ऊर्जा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार सहित NTPC, NHPC, PFC, SECI और IREDA के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक मेंअग्रवाल ने कहा कि थर्मल एनर्जी की तुलना में सौर ऊर्जा की प्रति यूनिट लागत काफी कम है, ऐसे में छत्तीसगढ़ समेत देशभर में सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लिए भूमि अधिग्रहण के साथ-साथ सरकारी भूमि को 30 वर्षीय लीज़ पर उपलब्ध कराने जैसे व्यावहारिक विकल्पों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। इससे बड़े पैमाने पर सौर परियोजनाओं को गति मिलेगी और ऊर्जा उत्पादन की लागत भी घटेगी।

उन्होंने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़, देश का दूसरा सबसे बड़ा पावर उत्पादक राज्य है, इसके बावजूद नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा में छत्तीसगढ़ का योगदान अन्य राज्यों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है। 

अग्रवाल ने NTPC सहित संबंधित एजेंसियों से छत्तीसगढ़ में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का शेयर बढ़ाने पर ज़ोर दिया, ताकि राज्य भारत के नेट ज़ीरो और ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभा सके।

बैठक में पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन (REC) की वित्तीय स्थिति में आए सकारात्मक सुधार पर भी चर्चा हुई। अग्रवाल ने कहा कि इन संस्थानों के ग्रॉस और नेट NPA रेशियो में आई उल्लेखनीय गिरावट से उनकी वित्तीय सुदृढ़ता बढ़ी है, जिसका उपयोग देश और विशेषकर छत्तीसगढ़ में गुणवत्ता-युक्त नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को कम ब्याज दरों पर वित्तपोषित करने में किया जाना चाहिए।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र सरकार, ऊर्जा मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के समन्वित प्रयासों से छत्तीसगढ़ न केवल पारंपरिक ऊर्जा में बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा, जिससे प्रदेश में निवेश, रोजगार और सतत विकास को नई दिशा मिलेगी।











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