नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कोलंबो में श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या से मुलाकात की। इस दौरान विदेश मंत्री ने दितवाह तूफान के बाद श्रीलंका के पुनर्निर्माण के लिए भारत के पक्के इरादों का भरोसा दिलाया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लिखा, “आज कोलंबो में श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या से मिलकर अच्छा लगा। दितवाह के बाद श्रीलंका के पुनर्निर्माण के लिए भारत के पक्के वादे का भरोसा दिलाया। भारत द्वारा दिया गया पुनर्निर्माण पैकेज हमारे दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों को दर्शाता है।”
इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने एक संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “मैं यहां प्रधानमंत्री मोदी के विशेष दूत के रूप में हूं और राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के लिए एक संदेश लेकर आया हूं। राष्ट्रपति ने आज सुबह मेरा स्वागत किया और हमने तूफान दितवाह से हुए नुकसान पर विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी का जो पत्र मैंने सौंपा, वह हमारी ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ भूमिका को आगे बढ़ाता है और श्रीलंका को 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर का पुनर्निर्माण पैकेज देने का वादा करता है।”
उन्होंने कहा, “हमारी बातचीत इस बात पर केंद्रित रही कि इस वादे को कितनी जल्दी पूरा किया जा सकता है। आपके सबसे करीबी पड़ोसी के रूप में और हमारी ‘पड़ोसी प्रथम’ तथा महासागर नीति के तहत यह स्वाभाविक था कि भारत ऐसे समय में आगे आए, जब श्रीलंका संकट का सामना कर रहा था। हमने ऐसा उस समय भी किया, जब आप आर्थिक कठिनाइयों से गुजर रहे थे।”
एस जयशंकर ने बताया, “हमारा एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी कोलंबो में मौजूद थे और उन्होंने राहत सामग्री पहुंचाई। इसके बाद हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए। भारतीय वायुसेना के कई एमआई-17 हेलीकॉप्टर दो सप्ताह से अधिक समय तक श्रीलंका में सक्रिय रहे। 80 सदस्यों वाली नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की एक टुकड़ी भी वहां पहुंची, जिसने बचाव और राहत अभियान चलाए।


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