छत्तीसगढ़ की आदिवासी सीटों पर बीजेपी का दबदबा

 

रायपुर । आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ में प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में से चार आरक्षित एसटी सीटों पर भाजपा ने एक बार फिर दबदबा कायम किया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बस्तर की आदिवासी सीट भी कांग्रेस नहीं बचा पाई।

25 वर्षों के परिणामों पर गौर करें तो आदिवासी सीटों पर भाजपा का दबदबा बना हुआ है। इस बार भी आदिवासी सीटों पर राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी थी।

प्रदेश में चार आदिवासी सीट सरगुजा, रायगढ़, बस्तर व कांकेर हैं। सरगुजा की स्थिति पर गौर करें तो यहां वर्ष 2004 से भाजपा जीत दर्ज करती आ रही है,वहीं रायगढ़ में 1999 से भाजपा को जीत मिल रही है।

बस्तर में 1999 से 2014 तक भाजपा का वर्चस्व रहा,वहीं 2019 में कांग्रेस के दीपक बैज सांसद बने। कांकेर में कांग्रेस को अभी भी जीत का इंतजार है। यहां 1999 से भाजपा का फूल खिलता रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के हाइप्रोफाइल सीटों के साथ ही आदिवासी सीटों पर चुनावी परिणाम दिलचस्प रहा।

सरगुजा से चिंतामणि महाराज, बस्तर से दिनेश कश्यप, कांकेर से भोजराज नाग व रायगढ़ से राधेश्याम राठिया ने भाजपा के परचम को बुलंद रखा। चार आदिवासी सीट पर कांग्रेस को बस्तर में 2019 में जीत मिल पाई थी, वहीं सरगुजा से 1999 में खेलसाय सिंह सांसद रहे। कांग्रेस इस जीत के बाद चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री का चेहरा प्रस्तुत किया गया, जिसका असर भी परिणामों पर देखा गया।


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