छत्तीसगढ़ में अगले 5 दिन अंधड़-बारिश का अलर्ट, कई जिलों में ओले गिरने और तापमान में गिरावट दर्ज

रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के चलते प्रदेशभर में अगले 4 से 5 दिनों तक तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।


मौसम वैज्ञानिक सुनील गुप्ता के अनुसार, वर्तमान में बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश का मौसम अस्थिर हो गया है। इसके अलावा ट्रफ लाइन की स्थिति भी अनुकूल बनी हुई है, जिससे गरज-चमक के साथ तेज हवाएं और वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बदलाव के चलते गर्मी से राहत तो मिली है, लेकिन किसान और आमजन को आंधी और ओलों से नुकसान की आशंका है।


तेज हवा और बारिश से बदला मौसम

मंगलवार को रायगढ़ और बस्तर जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश दर्ज की गई, वहीं अंबिकापुर में ओले भी गिरे। इस दौरान हवा की गति 40 से 60 किमी प्रति घंटा तक रही, जिससे कई जगहों पर जनजीवन प्रभावित हुआ।


प्रमुख शहरों का तापमान अपडेट:

रायपुर: मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.6 डिग्री कम रहा। शाम 4 बजे के बाद मौसम में अचानक बदलाव आया और तेज हवाएं चलने लगीं। रात में भी ठंडी हवाओं का असर रहा, जिससे राहत महसूस की गई। न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री रहा।


बिलासपुर: यहां अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री और न्यूनतम 20.5 डिग्री दर्ज किया गया। दिन का पारा सामान्य से 5 डिग्री नीचे रहा।


गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही: अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री और न्यूनतम 19.2 डिग्री रहा, जो सामान्य से क्रमशः 4.2 और 4.8 डिग्री कम था।


जगदलपुर (बस्तर): अधिकतम तापमान 33.7 डिग्री और न्यूनतम 20.2 डिग्री रहा, जो सामान्य से क्रमशः 4 और 3 डिग्री कम है। बीते 24 घंटे में यहां अच्छी बारिश हुई।


अंबिकापुर (सरगुजा संभाग): यहां अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री और न्यूनतम 18.8 डिग्री दर्ज किया गया। यह औसत से क्रमशः 3 और 4.4 डिग्री कम है। साथ ही यहां ओलावृष्टि भी हुई।


आगे क्या?

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 4-5 दिनों तक प्रदेश में मौसम ऐसा ही बना रहेगा। तेज हवाएं, गरज-चमक के साथ बारिश और कहीं-कहीं ओले गिरने की भी आशंका है। कृषि कार्यों में लगे किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रखें और मौसम की अपडेट पर लगातार नजर बनाए रखें।

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